Tuesday 22 July, 2008

फुस्स हुआ तीन करोड़ का बम....







तो आखिरकार बच गई सरकार। दिन भर का हंगामा थमा तो मिठाइयां बांटने और पटाखे फोड़ने का मौका मनमोहन सरकार बचाने में जुटे लोगों को ही मिला। हलांकि दोपहर बाद संसद के भीतर तीन करोड़ का नोट बम फोड़ने की बीजेपी ने नाकाम कोशिश जरूर की। एक करोड़ रुपये के नोटों की गड्डियां तीन बीजेपी सांसदों ने संसद के भीतर लहराकर नोट बम के पलीते में आग लगा दी। उसी वक्त एक खबरिया चैनल ने सरकार बचाने के लिए खरीद –फरोख्त के स्टिंग ऑप्रेशन किए जाने का दावा भी ठोंक दिया। लेकिन हाय तौबा के बीच ये बम जल्दी ही फुस पटाखा साबित हो गया।

विश्वास मत के दौरान सरकार के पक्ष में कुल 275 मत पड़े जबकि विपक्ष को मिले कुल 256 वोट। बीमारी और अन्य वजहों से संसद के बाहर रहने वाले छह लोगों ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया, जबकि चार लोगों ने मतदान के दौरान संसद में मौजूद रहते हुए भी मतदान नहीं किया। इस वजह से मतदान में हिस्सा नहीं लेने वालों की कुल संख्या दस हो गई।

इस आंकड़े के बाद जाहिर तौर पर कहा जा सकता है कि मतदान में क्रॉस वोटिंग हुई। सवाल ये है कि आखिर वो कौन हैं, और किस पार्टी के हैं, जिन्हे अपनी पार्टी की नीतियों पर भरोसा नहीं। वैचारिक साम्य नहीं होने के बावजूद आखिर पार्टी में उनके बने रहने की वजह क्या है। पार्टी में रहते हुए आखिर उन्हें भितरघात करने को मजबूर क्यों होना पड़ा।

ये कुछ ऐसे सवाल हैं जो 19 मतों के बहुमत से विश्वास मत अर्जित कर चुकी सरकार को कटघरे में खड़ा जरूर करते हैं। पूरे दिन संसद में जिस तरह नोटों की गड्डियां लहराती रहीं। विपक्ष इसे लोकतंत्र की खरीद फरोख्त बता रहा था तो सत्ता पक्ष उसे साजिश का नतीजा।

सच क्या है ? क्या सचमुच एक खबरिया चैनल के दावे में दम है ? और वो दावा अब देश के सामने आने के लिए सोमनाथ दा की इजाजत को मोहताज है। यानी प्रधानमंत्री के सामने इस बार चुनौती सिर्फ करार पर हस्ताक्षर करने की ही नहीं है....सरकार की साफ सुथरी छवि बचाए रखने के लिए उन्हें जनता के सामने वोटिंग के इस राज को भी लाना ही होगा।

4 comments:

Anil Pusadkar said...

sirf sarkaar nahi pura ka pura loktantra katghare me khadaa hai

राजेश कुमार said...

संदीप जी आपने बढिया लिखा है। आज जितने भी स्टिंग हुए उसे दिखाया गया लेकिन यह समझ नहीं आ रहा है कि आखिर खबरिया चैनल ने क्यों नहीं दिखाया कैमरे में कैद लेन-देन को।

Udan Tashtari said...

आपने बढिया लिखा है। एक दो दिन में सामने आ ही जायेगा क्रास वोटिंग का राज भी.

मनीषा भल्ला said...

bahut sunder bhasha men btaya hai aapne..sara kand...