mumbai main nai shuruaat ke lie badhaiyan. lekin is tarah sapne adhure kab tak rahenge...... sapno ko jald pura kar apni zindagi ki nai painting banayen.
साले चूतिये गधे पाजी पैजामे के नाडे बलाउज की हुक। हम यहां नोएडा में सहारा के सामने चाय के साथ गम गलत करते रहते हैं और तुम हो कि मुंबई की राह पकड़ ली। न तो फोन किया और न ही किसी से तुमहारे बारे में पता ही चला। इधर हमारा कुंवारापन जाता रहा। हमारी शादी हो गयी भाई। लौटकर दिलली आऒ तो शरीके हयात से मिलवाता हू। इतना अचछा बलॅाग बनाने के लिए बधाई। बधाई इस बात के लिए भी कि तुमने अपनी रचनातमकता को जिंदा रखा है। ( अपशबद बोलने के लिए माफ करें। गालियां देने से खुद को रोकना अपने साथ गुनाह होता।) चूतिए माफी तुमसे नहीं उन शरीफ लोगों से मांगी है जो सांझ- सवेरे पर आते हैं।
संधिबेला मुझे मोहित करती है। सांझ भी और सुबह भी। यह संधिबेला रचनात्मकता की बेला होती है और मैं इसी रचनात्मकता को शब्द देना चाहता हूं। फिलहाल रोजीरोटी के लिए आजतक न्यूज चैनल में नौकरी कर रहा हूं।
5 comments:
संदीप - होली की शुभ कामनाएं
waah
रंगो से खाली दिवार* पर क्या खूब उकेरा है चित्र
*दिवार को यहाँ आप अपना कैनवास ही समझिये, होली मुबारक इन्ही रंगों के साथ
mumbai main nai shuruaat ke lie badhaiyan. lekin is tarah sapne adhure kab tak rahenge...... sapno ko jald pura kar apni zindagi ki nai painting banayen.
साले चूतिये गधे पाजी पैजामे के नाडे बलाउज की हुक। हम यहां नोएडा में सहारा के सामने चाय के साथ गम गलत करते रहते हैं और तुम हो कि मुंबई की राह पकड़ ली। न तो फोन किया और न ही किसी से तुमहारे बारे में पता ही चला। इधर हमारा कुंवारापन जाता रहा। हमारी शादी हो गयी भाई। लौटकर दिलली आऒ तो शरीके हयात से मिलवाता हू।
इतना अचछा बलॅाग बनाने के लिए बधाई। बधाई इस बात के लिए भी कि तुमने अपनी रचनातमकता को जिंदा रखा है।
( अपशबद बोलने के लिए माफ करें। गालियां देने से खुद को रोकना अपने साथ गुनाह होता।)
चूतिए माफी तुमसे नहीं उन शरीफ लोगों से मांगी है जो सांझ- सवेरे पर आते हैं।
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