हां...
हम इस कलयुगी समाज के दृष्टा हैं
मर्यादाओं की बातें पढ़ते हैं
रचते नहीं
नारी सम्मान की मिसालें देते हैं...
करते नहीं
सीता के अपहरण पर
अहंकारी रावण का वध
द्रोपदी के चीरहरण पर
कौरव वंश का नाश
सिर्फ हमारे बतरस की चर्चा का हिस्सा है
क्योंकि...
हम इस कलयुगी समाज के दृष्टा हैं
बेटी के सुरक्षित घर लौटने की
बस बाट जोहते हैं
अपशकुन होने पर
समाधान नहीं हम खोट खोजते हैं
कभी कपड़े, कभी वक्त, कभी आजाद ख्याली
अब उनकी लक्ष्मण रेखा का हिस्सा हैं
हम इस कलयुगी समाज के दृष्टा हैं
और हम भी इस व्यभिचार का हिस्सा हैं.....
हम इस कलयुगी समाज के दृष्टा हैं
मर्यादाओं की बातें पढ़ते हैं
रचते नहीं
नारी सम्मान की मिसालें देते हैं...
करते नहीं
सीता के अपहरण पर
अहंकारी रावण का वध
द्रोपदी के चीरहरण पर
कौरव वंश का नाश
सिर्फ हमारे बतरस की चर्चा का हिस्सा है
क्योंकि...
हम इस कलयुगी समाज के दृष्टा हैं
बेटी के सुरक्षित घर लौटने की
बस बाट जोहते हैं
अपशकुन होने पर
समाधान नहीं हम खोट खोजते हैं
कभी कपड़े, कभी वक्त, कभी आजाद ख्याली
अब उनकी लक्ष्मण रेखा का हिस्सा हैं
हम इस कलयुगी समाज के दृष्टा हैं
और हम भी इस व्यभिचार का हिस्सा हैं.....